अक्षय तृतीया – हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 22 अप्रैल को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है जिसे अक्षया तृतीया के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व बताया गया है. कहते हैं कि अगर किसी मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त न मिल रहा तो अक्षय तृतीया के दिन वह कार्य किया जा सकता है. क्योंकि अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं और इस दिन किए गए कार्य में सफलता मिलती है. अक्षय तृतीया के दिन सगाई, गृह प्रवेश, नया मकान खरीदना या सोने के आभूषण खरीदना शुभ माना गया है. अक्षय तृतीया के दिन भगवान कुबेर और मां लक्ष्मी पूजन किया जाता है. कहते हैं कि इससे घर में कभी धन-दौलत की कमी नहीं आती. आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में सबकुछ.
शुभ मुहूर्त- हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आज यानि 22 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 23 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 47 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार 22 अप्रैल 2023, शनिवार के दिन अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर का पूजन किया जाता है. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा.
अक्षय तृतीया-
अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि जिस व्यक्ति पर इनकी कृपा होती है उसे जीवन में कभी धन-दौलत की कमी नहीं होती. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर मंदिर को स्वच्छ करें और पूजन आरंभ करें. मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर का पूजन करते समय उन्हें केला, नारियल, पान, सुपारी, मिठाई और जल अर्पित करें. इसके बाद भगवान की प्रार्थना करें और उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगे. अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है और कहते हैं कि इससे घर में वृद्धि होती है. यदि कोई सोने के आभूषण खरीदने में असमर्थ है तो वह चांदी के आभूषण भी खरीद सकता है.